लेखनी कहानी -13-Sep-2023
#शीर्षक:-मुस्कान होंठों पर आ जाती है
#दिनांक:- 13/9/2023
फ़ुर्सत में अक्सर मैं,
मीठे सपनों में खो जाती हूँ,
लंगोटिया , स्कूल औ' कालेज के
दोस्तों के, बीच ख़ुद को पाती हूँ,
बचपन की सहेलियों सँग ऊधम मचाना,
कभी लड़ना कभी झगड़ा करवाना,
स्कूल के दोस्तों से कहासुनी करना ,
फिर मिलकर नये क्षितिज को,
छूने की पुरज़ोर कोशिश करना,
छूटते जा रहे पुराने दोस्त ज़िंदगी में,
दिल हुलसा नये मित्रों की ख़ुशी में ,
बचपन उड़ गया पंख लगा
यौवन आया भरा भरा
खुली बाँहों का विस्तार बढ़ा
दिल से दिल का प्यार बढ़ा
दिल के और नज़दीक आ गया दोस्त
मेरी रूह में बसने लगा
कभी मेरी रूह बनने लगे ,
हमारी यारी से गुलज़ार हुआ कॉलेज ,
दोस्त जब साथ हो,
हर मंज़र ख़ुशनुमा हो जाता है ,
ऐ दोस्त ! तू बहुत याद आता है,
कॉलेज का वो सुनहरा दिन,
सचमुच बहुत सताता है,
आज सब परेशान हैं अपनी दुनिया में ,
पर जब-जब दोस्तों की याद आती है,
बेसाख़्ता ,
मुस्कान होंठों पर आ जाती है |
रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है|
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई
hema mohril
14-Sep-2023 07:28 AM
Nice
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Varsha_Upadhyay
13-Sep-2023 05:32 PM
Nice one
Reply
madhura
13-Sep-2023 05:12 PM
V. Nice
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